स्वामी विवेकानंद के विचार 21


Swami Vivekananda Quotes Swami Vivekananda Quotes

 4 जुलाई को स्वामी विवेकानन्द की पुण्यतिथि है। उनकी कही हुईं कुछ बातें आज भी इस देश की हर पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक और मार्गदर्शक हैं, तो आइये जानते हैं वो 21 बातें।
1.शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु है| विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु है| प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु है|
2. उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए|
3. एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते हुए अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो, बाकी सब कुछ भूल जाओ|
4.जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जीवन का सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है|
5.चिंतन करो, चिंता नहीं, नए विचारों को जन्म दो|
6.जो किस्मत पर भरोसा करते हैं, वो कायर हैं, जो अपनी किस्मत खुद बनाते हैं, वो मज़बूत हैं|
7 जो भी तुम्हें कमजोर बनाता है, शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक, उसे ज़हर की तरह त्याग दो|
8.हम जो बोते हैं, वो काटते हैं, हम स्वयं अपने भाग्य के निर्माता हैं|
9. जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते, तब तक आप भगवान् पे विश्वास नहीं कर सकते|
10. बस वही जीते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं|
11.हम वो हैं, जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि, आप क्या सोचते हैं| शब्द गौण हैं, विचार रहते हैं| वे दूर तक यात्रा करते हैं|
12.जो तुम सोचते हो वो हो जाओगे, यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो तो कमजोर हो जाओगे, अगर खुद को ताक़तवर मानते हो, तुम ताक़तवर हो जाओगे|
13.संघर्ष जितना बड़ा होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी|
14.ब्रह्माण्ड की सारीं शक्तियां पहले से हमारी हैं| वो हमीं हैं, जो अपनी आँखों पर हाथ रख लेते हैं, और फिर इस बात पे रोते हैं कि, कितना अन्धकार है|
15. जिस दिन आपके सामने कोई समस्या नहीं आये, तो आप सुनिश्चित कर सकते हो कि, आप गलत मार्ग पर चल रहे हो|
15. जिस दिन आपके सामने कोई समस्या नहीं आये, तो आप सुनिश्चित कर सकते हो कि, आप गलत मार्ग पर चल रहे हो|
16. सबसे बड़ा धर्म है, अपने स्वभाव के प्रति सच्चा होना|
17. किसी की निंदा न करें, अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रूर बढ़ाएं, अगर नहीं बढ़ा सकते तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये और उन्हें, उनके मार्ग पे जाने दीजिये|
18 . जब लोग तुम्हे गाली दें, तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो, सोचो तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं|
19. ज्ञान स्वयं में वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है|
20. हम जितना ज्यादा बाहर जाएँ, और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा और परमात्मा उसमें बसेंगे|
21. दिल और दिमाग के टकराव में, दिल की सुनो|

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